पुरखे भी बोलते थे जय श्री राम
सुबह उठकर
एक-दूसरे को अभिनन्दन, अभिवादन, शुभकामनायें देते
सलाम, स्वागत और जयध्वनि में
लगी थी क्या कभी कहीं आग, “जय श्री राम” बोलने पर?
लेकिन जब
जय श्री राम नारा हो गया
नारा-ए-तकबीर अल्लाह हो अकबर की तर्ज पर
हमने जैसे घोषणा कर दी
हम भी भयभीत कर सकते हैं