चाँद बेबाकी से आज सुबह सूरज कि खिल्ली उडाता बहुत देर खड़ा रहा
बोला
अब तो तुमपर भी दाग पड़ने लगे हैं
पहले जो अधर्म रात के अन्धेरे मैं हुआ करते थे
वो सेंध अब दिन दहाड़े पड़ जाती है
चाँद बेबाकी से आज सुबह सूरज कि खिल्ली उडाता बहुत देर खड़ा रहा
चाँद बेबाकी से आज सुबह सूरज कि खिल्ली उडाता बहुत देर खड़ा रहा
बोला
अब तो तुमपर भी दाग पड़ने लगे हैं
पहले जो अधर्म रात के अन्धेरे मैं हुआ करते थे
वो सेंध अब दिन दहाड़े पड़ जाती है
चाँद बेबाकी से आज सुबह सूरज कि खिल्ली उडाता बहुत देर खड़ा रहा
बचपन में पापा ने साफ़ साफ़ कहा था
आदर्श जीवनियां कहानियाँ हैं
और उनकी सार्थकता
नक़ल कर या रट कर
परीक्षा पास करना
ठाट बाट से जीने के लिए बेटा
रना प्रताप नहीं मान सिंह बनाना पड़ता है
जान लो
यह ईमानदारी के किस्से
यह तोता रट बातें
व्यर्थ कि शिक्षा
नकली परीक्षा
चलती रहेगी देर तक
पर सर्वश्रेष्ठ होने के लिए
एकलव्य का आंगूठा काटना पड़ता है
सोचता हूँ तब तो समझ नहीं आया था यह ज्ञान
और अब क्या करूं ?
तुमने कहा
और
मैंने माना
इससे भी
कुछ
अलग होती है
प्रेम कि परिभाषा?